सोमवार, 6 जुलाई 2020

सुधा राज

आया सावन छाई घटा काली
रिमझिम बरसे पानी .....
धरती से अम्बर तक देखो
हर तरफ अाई खुशहाली

आया सावन.......
ताल तलैया पोखर भर गए
झर झर झरने बहते झरने
उफन उफन गए नदी और नाली

आया सावन.......
तीज त्योहार का मौसम आया
बाबुल ने बेटी को बुलाया
गुड़ियों की हमजोली

आया सावन....
मोर पपीहा वन वन भटके
पानी की इक बूंद को तरसे
कुहू कुहू बोले कोयलिया
बागों में छाई हरियाली
आया सावन......
तीजो का त्योहार है आया
लाल हरी चूड़ी का मौसम
गोरी करके सोलह श्रृंगार
गाए सखियों के संग मल्हार
मेंहदी रची हथेली
आया सावन......
जाते जाते दे रहा सावन
अनुपम ये त्योहार
राखी के धागों में लिपटा
भाई बहन का प्यार
चारों तरफ छाई खुशहाली
आया सावन.....
                    सुधा राज

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

वासुदेव अग्रवाल नमन जी द्वारा सवैया विधान

 वासुदेव अग्रवाल नमन तिनसुकिया ने सवैया छंद का विधान बहुत ही सरल तरीके से समझाया है । सवैया छंद विधान सवैया चार चरणों का वार्णिक छंद है जिसक...