शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

पुष्पा मिश्रा आनंद

आज की प्रतियोगिता के लिए कविता
शीर्षक---- वर्णमाला का महत्व

वर्णमाला के अनुपम मोती को,
लेखिनी जब बिखरा ती  है ।
ज्ञान के धागे में बंध कर वो ,
शब्दों के अर्थ सजाती है ।।

सागर सी विस्तृत, थाह न कम,
सूर्य चंद्रमा धरा गगन ।
कर्मों का फल ही आदि अंत
प्रकृति का है सृष्टि सृजन ।।

बांध सके न सीमाओं में,
जो वेद उपनिषद लिखे गए ।
साहित्य के इस रत्नाकर में,
ज्ञान के रत्न अमूल्य हुए ।।

जोड़ जोड़ कर एक परिभाषा,
गुरु का ज्ञान जीवन दर्शन सा।
पंचतत्व नवग्रह की व्याख्या
पंच इंद्रियों का ज्ञान बताया ।।

रामायण और महाभारत में,
गीता के एक एक वर्णो में ।
संस्कृत, संस्कृति ही फैली है
कालिदास के सब ग्रंथों में ।।

पुष्पा मिश्रा आनंद
🙏🙏🌷🌷🙏🙏

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

वासुदेव अग्रवाल नमन जी द्वारा सवैया विधान

 वासुदेव अग्रवाल नमन तिनसुकिया ने सवैया छंद का विधान बहुत ही सरल तरीके से समझाया है । सवैया छंद विधान सवैया चार चरणों का वार्णिक छंद है जिसक...