शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

शंभु सिंह रघुवंशी अजेय

भा.सा सृ नमन साथियों
जय जय श्री राम राम जी
10/7/2020/शुक्रवार
बिषयःः# बंजर भूमि#
विधाःः काव्यः ः

चहुं ओर  हरयाली  फैले,
नहीं  कहीं हो  रेगिस्तान।
सभी  दूर  हरयाली छाऐ, हरि भूमि हो देश महान।

हरी वादियाँ हों कश्मीरी,
 सुंन्दर दिखे बडी सुजान।
खिले रुप इस वसुधाका,
कृपाकरें प्रभु कृपानिधान।

 इंच इंच भर हो ये उपजाऊ
कहीं धरती बंजर नहीं मिले।
करें परिश्रम कठोर सभी जन
अपना गुलशन चमन खिले।

सरिता बांध लवालव सब हैं
क्या इंद्रदेव जी हुऐ प्रसन्न।
सुखी रहना हम सभी चाहते,
चलें सूर्यदेव को करें प्रसन्न।

सूखी बंजर जहाँ हो धरती,
अपने इंद्रदेव जी वहीं पधारें।
बरसा करवाऐं अमृत  जल सी
पानी ‌का सदुपयोग कराऐं।

स्वरचितःः ः
इंजी.शंम्भूसिंह रघुवंशी अजेय
मगराना गुना म.प्र.


भा.सा सृ#बंजरभूमि#काव्यः 
10/7/2020/शुक्रवार

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