आप हमको देखकर एक बार थोड़ा मुस्करायें
फिर हमें मंजूर है सब मुश्किलें,सारी सज़ायें
खुद लिखेंगे आप तो एक रोज़ लिखने ही लगेंगे
कब तलक चोरी की भेजेंगे मुझे शुभकामनायें
ज़िन्दगी है जब तलक कुछ मुश्किलें तो आएंगी ही
ये भला क्या बात है कि दिक्कतों में मर ही जायें
ग़र मुहब्बत है तो मिलने में ज़रा परहेज़ रखना
यूं न हो कि वो तुम्हारे घर पे मिलने रोज़ आयें
कामचोरों की सदा क्यों मौज होती है यहां पर
जो मेहनती हैं , उन्ही के सिर हैं क्यों सारी खतायें
उम्र के इस मोड़ पर मां तुम बहुत याद आ रही हो
काश तुम होतीं तो ले लेती मेरी सारी बलायें
मैं बहुत ही सख्त जां हूँ इतनी जल्दी न मरूंगा
ऐ कोरोना! ध्यान से सुन ले मेरी सब घोषणाएं
डॉ आदर्श पाण्डेय
29, रोशनगंज शाहजहाँपुर
242001 उत्तर प्रदेश, भारत
मोबाइल: 7706972971
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