सोमवार, 13 जुलाई 2020

आरती गोस्वामी

"संवाद होना चाहिए"

हर समस्या का हल नहीं विवाद होना चाहिए ,
शांतिवार्ता आज़माकर अपवाद होना चाहिए ,
सुलझ जाए यदि समस्या सिर्फ वार्ता ही से ,
तब दोनों पक्षों में परस्पर संवाद होना चाहिए ।

भेद दें मस्तक अरि का यही गौरव हमारा है ,
धूल चटा दें शत्रु को यही इतिहास हमारा है ,
किन्तु युद्ध से पहले वार्ता निर्विवाद होना चाहिए ,
तब दोनों पक्षों में परस्पर संवाद होना चाहिए ।

हमने सदा से शांति मार्ग पर आगे बढ़ना चाहा है ,
हमने हर भेद मिटा कर सबको अपनाना चाहा है ,
अभिलाषा सिर्फ वतन सारा आबाद होना चाहिए ,
तब दोनों पक्षों में परस्पर संवाद होना चाहिए ।

शत्रु यदि नहीं संभले शांति अहिंसा की बातों से ,
फिर मौन तजो प्रतिउत्तर दो घातों का घातों से ,
तब गीता ज्ञान से स्वयं का संवाद होना चाहिए ,
और स्वयं की अंतरात्मा संग संवाद होना चाहिए ।
©®आरती अक्षय गोस्वामी
देवास मध्यप्रदेश
स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

वासुदेव अग्रवाल नमन जी द्वारा सवैया विधान

 वासुदेव अग्रवाल नमन तिनसुकिया ने सवैया छंद का विधान बहुत ही सरल तरीके से समझाया है । सवैया छंद विधान सवैया चार चरणों का वार्णिक छंद है जिसक...