"संवाद होना चाहिए"
हर समस्या का हल नहीं विवाद होना चाहिए ,
शांतिवार्ता आज़माकर अपवाद होना चाहिए ,
सुलझ जाए यदि समस्या सिर्फ वार्ता ही से ,
तब दोनों पक्षों में परस्पर संवाद होना चाहिए ।
भेद दें मस्तक अरि का यही गौरव हमारा है ,
धूल चटा दें शत्रु को यही इतिहास हमारा है ,
किन्तु युद्ध से पहले वार्ता निर्विवाद होना चाहिए ,
तब दोनों पक्षों में परस्पर संवाद होना चाहिए ।
हमने सदा से शांति मार्ग पर आगे बढ़ना चाहा है ,
हमने हर भेद मिटा कर सबको अपनाना चाहा है ,
अभिलाषा सिर्फ वतन सारा आबाद होना चाहिए ,
तब दोनों पक्षों में परस्पर संवाद होना चाहिए ।
शत्रु यदि नहीं संभले शांति अहिंसा की बातों से ,
फिर मौन तजो प्रतिउत्तर दो घातों का घातों से ,
तब गीता ज्ञान से स्वयं का संवाद होना चाहिए ,
और स्वयं की अंतरात्मा संग संवाद होना चाहिए ।
©®आरती अक्षय गोस्वामी
देवास मध्यप्रदेश
स्वरचित एवं सर्वाधिकार सुरक्षित
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