#अवधेश_की_ग़ज़ल
#बेवफाओं_से_प्यार_कौन_करे
बेवफाओं से प्यार कौन करे ।
ज़िंदगी शर्मशार कौन करे ।
आप कहते जो वो नहीं करते,
आपका एतवार कौन करे ।
इश्क़ जब भी किया मिला धोखा,
फ़िर इसे बार-बार कौन करे ।
अब शिकारी कहीं नहीं मिलते,
शेरनी का शिकार कौन करे ।
आग दिल की लगी जला देगी,
आपको होशियार कौन करे ।
जब बुलाया उन्हें नहीं आए,
उनका अब इंतज़ार कौन करे ।
वो नेता अब नज़र नहीं आते,
जंग अब आरपार कौन करे ।
अवधेश सक्सेना- 25072020
शिवपुरी म प्र
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