शुक्रवार, 10 जुलाई 2020

केवरा यदु मीरा

🌹भजन 🌹

सुन कान्हा मेरी याद 
तुमको आती तो होगी।
ओ पूनम की रात तुम्हें 
रुलाती  तो होगी ।
सुन कान्हा-----

तान छेड़ बंशी  की 
तुम मुझे बुलाये थे।
बाहों में बाँहे डाले
तुम रास रचाये थे।
वो पायल की रुन झुन 
तुम्हें बुलाती तो होगी ।
सुन कान्हा मेरी याद 
तुमको  आती तो होगी ।।

बैठ कदंब के छाँव 
तुम बंशी  बजाते थे।
राधे राधे  की धुन में 
तुम मुझे बुलाते  थे ।
राधा राधा नाम तुम्हें 
याद तड़पाती तो होगी।
सुन कान्हा मेरी याद 
तुमको आती तो होगी ।।

वो तिरछी नजर का जादू
तुम ड़ाल गये मोहन।
तन से दिल अरु जान
निकाल गये मोहन ।
मेरे दिन की धड़कन 
तुम्हें सुनाती तो होगी ।
सुन कान्हा मेरी याद 
तुम को आती तो होगी ।

तुम कह के गये कान्हा 
मैं लौट के आऊँगा।
आकर मुरली की 
मधुर तान सुनाऊँगा।
वो वादे वो कसमें
याद दिलाती तो होगी ।
सुन कान्हा मेरी याद 
तुमको आती तो होगी ।।

मैं हुई बावरी श्याम 
इक बार चले आओ।
भले चले जाना बस
झलक  दिखा जाओ।
तुम भूल गये वो प्रीत
 तुम्हें रिझाती  तो होगी ।
सुन कान्हा मेरी याद 
तुमको आती तो होगी ।
ओ पूनम की रात 
तुम्हें रुलाती तो होगी ।।
सुन कान्हा मेरी----

केवरा यदु "मीरा "
राजिम

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