#रिश्तों_की_मर्यादा
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रिश्तों की गरिमा है, मर्यादा
आत्मसम्मान का सूचक है, मर्यादा
रिश्तों की संभाल है, मर्यादा
संस्कारों की संरक्षिका है, मर्यादा ||
हमें मर्यादा में रहना आना चाहिए
कब ,कहाँ, क्या, किसे, कैसे कहना है
यह सोच,समझना चाहिए ||
मर्यादा, उत्तम अनुशासन है
सीमा में रहने का अंकुश है
एहसास दूसरों की हर बात का,
भाव का होना चाहिए
शिष्टाचार, सामाजिक मर्यादा
हर मोड़ पर निभाना आना चाहिए||
अगर शर्म, हया गहना है, नारी का
तो पुरुषों को भी मर्यादा
का दामन थामना चाहिए||
अगर प्रकृति मर्यादा तोड़ दे
तो विनाश होता है
वाणी मर्यादा तोड़ दे तो
सर्वनाश होता है ||
वचनों के बाण घायल करते हैं
हृदय रूपी उपवन को वीरान करते हैं
युद्ध की पृष्ठभूमि का निर्माण करते हैं
अपनी मर्यादा में रहकर ही हर बात करें
अपनी सीमा में रहकर हर काम करें||
माता-पिता ,भाई ,बहन ,पति-पत्नी,
सगे संबंधी, मित्र मंडली , जानकार
यदि एक भी रिश्तें में मर्यादा का
उल्लंघन हो जाए
बात बढ़ कर सीमा लांघ जाए
तो वो रिश्तें अपमानित हो जाते हैं
मर्यादित न रहकर मर्यादाविहीन
हो जाते हैं ||
दिलों में आ जाती दरार है,
फिर न आता हृदय में कोई करार है
रह - रह कर जो कोसती है मनुष्य को
रात - दिन कचोटती है मनुष्य को
टीस हृदय में घर कर जाती है
बस हर तरफ बैचनी ही नज़र आती है ||
सीख नहीं ये, संस्कारों की भाषा है
मर्यादित जीवन अनुशासन में रहना सिखाता है
अतः अपनी गरिमा
सदैव बनाए रखना
मर्यादा , सीमाओं में रहकर रिश्तों
का मान रखना ||
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रुचिका✏️🤗
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