🌹🌹🌹🌹🌹🌹 ग़ज़ल 🌹🌹🌹🌹🌹🌹
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मिटेंगी हस्तियाँ तेरी अमन तब याद आयेगा।
मिलेंगी ठोकरें अपना वतन तब याद आयेगा।
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विदेशी रंग में रंगकर तेरी बेटी जवाँ होगी।
तुझे इस देश का चाल ओ चलन तब याद आयेगा।
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मिलेंगे फूल कागज़ के पराये बाग में जाकर।
तुझे इस बाग का तन्हा सुमन तब याद आयेगा।
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बड़ा होकर तेरा बेटा कभी आँखें दिखायेगा।
तुझे मां बाप का कडुवा कथन तब याद आयेगा।
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कभी जब पांव फिसलेंगे कमल इस संगमरमर पर।
तुझे वो गांव का कच्चा सहन तब याद आयेगा।
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🌹यह ग़ज़ल मेरे प्रकशित काव्य संग्रह,,,,,, कब तक मन का दर्द छुपाते,,,,, से ली गयी है🌹
🌎कमल सक्सेना कवि गीतकार साहित्यकार बरेली🌎
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