मेरीमौलिक विधा #प्रियामृतावधेश में कविता
विधान
मात्राएँ पहली से नौंवी पंक्ति तक बढ़ते क्रम में
2,4,6,8,10,12,14,16,18-
दसवीं से अठाहरवीं पंक्ति तक घटते क्रम में
18,16,14,12,10,8,6,4,2
पहली और अठाहरवीं पंक्ति तुकांत
नौंवीं और दसवीं पंक्ति तुकांत
#गरीब
जो
धरती
का टुकड़ा
जोत कर यहाँ
रोटी खाता था
उजाड़ा पीटा उसे
मर गया वो पी के जहर
छोड़ रोते बिलखते बच्चे
इस व्यवस्था को बदलना होगा ।
राज अपने हाथ करना होगा ।
गरीब को दो गज जमीं नहीं
अमीर को आकाश मुफ़्त
सत्ताईस मंजिल मिले
रोटी कमाना गलत
धन कमाना सही
उठो गरीबो
पहचानो
तुम क्या
हो ।
अवधेश सक्सेना- 17072020
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