गुरु पूर्णिमा पर विशेष गुरु को शब्द पुष्प 🌷🌷🌷🌷🌷🌷🌷
तन मन तुमको अर्पण करती,
शब्द पुष्पों को चरणों में रखती।
हृदय में दर्द अपार, डूबी हूं मझधार।
अश्रु से भरे हैं मेरे नयन
श्री गुरुदेव शत शत नमन।।
पथ से विमुख, विचलित है जीवन
ज्ञान ,और प्रेम से नीरस जीवन।
ठोकरे खा खाकर इस जग की,
अब तुमको माना है मन से
अब तक जीवन गया व्यर्थ
श्री गुरुदेव शत शत नमन ।।
प्रमादो से ये भरा शरीर,
लोभ लालच का आराधन है
सुंदर काया अधिक हो माया
सब पापों का साधक है।।
इन सब से दूर अब दिया वचन
श्री गुरुदेव शत शत नमन।।
कि आपने बहुत उपकार ।
फिर भी झोली है फैलाए
मुझ दीन हीन पर दया करो
दोषों को मेरे क्षमा करो ।
तुम ही सब के पालनहार ।।
श्री गुरुदेव शत शत नमन ।।
🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏🙏
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें