भाव सुमन.. तुमको अर्पण..
।। भजन ।।
रसना रस नाम हरि का पी
रस नाम हरि का पीकर जी
रसना रस नाम..
रस नाम हरि का मिल जाए
जीवन में रस बस घुल जाए
मिल जाए रस बस जीते जी
रसना रस...
रस नाम बिना जीवन बीते
सब मृतक तुल्य हैं रस रीते
रस पीकर सब जग जीते जी
रसना रस नाम....
रसना रस नाम बिना कछु ना
रसना हरि नाम बिना कछु ना
रसना रस नाम सदा तू पी
रसना रस नाम....
रसना पी रस,नाम रस खा
रसना रस नाम सदा तू गा
रस नाम नहा बरसे बदरी
रसना रस नाम....
जीवन रस नाम बिना नीरस
हरि नाम सदा सदा पी रस
हरि नाम बिना मत जीवन जी
रसना रस नाम....
!!"रस डूबे रस राज कन्हैया
रस मोहनि सूरत श्यामा की
रस नाम बिना रचना कृष्णा
पूरी नहीं होय सुदामा की!!"
पंडित सुदामा शर्मा
गुना मध्य प्रदेश
9993089820
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें