जंग में घायल हुए एक........
*सैनिक की कलम से*
भाई घर जा कर मत कहना,
अगर बाबा मेरे पूछे तो,
अपना सर झुका देना,
भाई घर जा कर मत कहना,
अगर मां मेरी पूछे तो,
जलता दिया बुझा देना,
भाई घर जाकर मत कहना,
अगर बहन मेरी पूछे तो,
अपना हाथ बढ़ा देना,
भाई घर जाकर मत कहना,
अगर पत्नी मेरी पूछे तो,
माथे का सिंदूर मिटा देना,
भाई घर जाकर मत कहना
नेहा सक्सेना
शिवपुरी म. प्र.
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