मंगलवार, 7 जुलाई 2020

निर्णायक राम किशोर वर्मा

*भारतीय साहित्य सृजन मंच*                       
         _शिवपुरी (मध्य प्रदेश)_

   आज दिनांक 07 जौलाई 2020  को *आज का पसंदीदी रचनाकार* कार्यक्रम में श्री सुदामा शर्मा जी, श्री सर्वेश उपाध्याय जी, श्री विशाल चतुर्वेदी 'उमेश जी', सरिता नोहरिया जी, निभा चौधरी जी, श्री विकास शुक्ल 'प्रचण्ड' जी, श्री कमलेश शर्मा 'कवि कमल' जी, पुष्पा मिश्रा आनंद जी, श्री शिखर चन्द जैन 'शिखर' जी, श्री कृष्ण मुरारी लाल मानव जी, दीपांजली दुबे जी, पुष्पा शर्मा जी, नेहा सक्सेना जी एवं श्री उदय राज सिंह,एड० जी ने रचनायें प्रस्तुत की हैं । समस्त सम्माननीय रचनाकारों की रचनायें बहुत अच्छी हैं और विभिन्न प्रकार के रसों व विधाओं में प्रस्तुत की गई है । सभी सम्माननीय रचनाकार बधाई के पात्र हैं ।
   जब एक-से बढ़कर एक अच्छी रचनायें  हों तो उनमें "पसंदीदा रचनाकार" चुनना भी सरल नहीं रहता ।
     इस सप्ताह श्री सुदामा शर्मा जी एवं श्री उदय राज सिंह, एड० जी का "पसंदीदा रचनाकार" के रूप में चयन हो चुका है । इसलिए वह इस हेतु दूसरों को भी अवसर प्रदान कर रहे हैं ।
   मैंने सभी रचनायें बहुत ध्यानपूर्वक पढ़ी हैं । मुझे कुछ रचनायें समान मात्राभार में नहीं लगीं ।
     *श्री शिखर चन्द जैन 'शिखर' जी* के दूसरे दोहे में :-
_करें क्रोध और ईर्ष्या, हो न विनय विवेक।_
   -------------- _जल जाये स्वमेव।।_
      में
"और ईर्ष्या" में २१२ का पालन नहीं हो रहा है ।
"हो न विनय विवेक" में १० मात्रायें हैं जबकि ११ होनी चाहिए ।और "जल जाये स्वमेव" में भी १० मात्रायें हैं जबकि ११ होनी चाहिए ।
"सकारात्मक सोच को" में १२ मात्रायें हैं जबकि १३ होनी चाहिए ।
     *श्री श्रीकृष्ण मुरारी मानव जी* की मनहरण घनाक्षरी में:-
_कर्म ही पुरस्कार दण्ड भी दिलाता है ।_ में एक वर्ण कम है।
    *श्री विकास शुक्ल 'प्रचण्ड' जी* की रचना "वर्षा" शीर्षक से 'वीर छंद' के विधान के अनुसार १६-१५ मात्राभार में बिल्कुल सही है । पर इस छंद का प्रयोग युद्ध/चढ़ाई और जोश में किया जाता है । जो आपकी रचना से नहीं झलकता ।
      अब क्योंकि हमें भी दायित्व सौंपा गया है तो कर्तव्य का निर्वाह करना हमारा धर्म बनता है । 
     मुझे आप सभी में से एक को चुनने का निर्देश है । अतः आज मुझे जो *"पसंदीदा रचनाकार"* लगे हैं वह हैं *श्री विशाल चतुर्वेदी 'उमेश' जी* । उनके सभी हाइकु (जापानी विधा ५-७-५ वर्ण) विधानानुसार हैं । जिसमें उन्होंने पर्यावरण, जल संकट, आतंक-युद्ध और प्रदूषण जैसे विषयों को गागर में सागर भरने जैसा किया है । 
    अंत में समस्त सम्माननीय रचनाकारों को पुनः हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं ।
       जय हिन्दी ।
        🇮🇳 जय हिन्द 🇮🇳
      _राम किशोर वर्मा_
         जयपुर (राजस्थान)

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