रविवार, 26 जुलाई 2020

#प्रियामृतावधेश #सच

#प्रियामृतावधेश
#सच

बच
पाया 
नहीं यहाँ
कोई उससे
हो चाहे गरीब 
मंत्री या फिर राजा 
भेद नहीं करता इनमें
लिंग जाति धर्म भाषा क्षेत्र  
सब एक जैसे उसकी नज़र में ।
शाख पत्ते जैसे हों  शज़र में  ।
सृजन पालन करता जो यहाँ
वही  संहार  का  कारण
प्रकृति के अपने नियम
इन्हीं से चलता सब
मान लो इन्हें
रह लो खुश
बोलो
सच

अवधेश सक्सेना-26072020

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