रविवार, 28 जून 2020
मात प्रेम ने बालक जन्मा नाम रखा अवधेश
सरसी छंद में वर्षा ऋतु और अपने जन्म के सम्बंध में कुछ पद लिखे हैं ।
मात प्रेम ने बालक जन्मा
नाम रखा अवधेश
जून महीना बड़ा सुहाना,
ऋतु आए बरसात ।
कभी धूप है कभी छाँव है,
होती शीतल रात ।
वर्षा वाला जून महीना,
दिवस रहा उनतीस ।
सोमवार की रात घनेरी,
बजे मिनट दस बीस ।
मात प्रेम ने बालक जन्मा,
जन्म राशि है मेष ।
पिता मुरारी ले हाथों में,
नाम रखा अवधेश ।
वर्षा के दिन जब भी आते,
लाते कुछ सौगात ।
ताल तलैया सब भर जाते,
जगते फ़िर जज़्बात ।
नदी ताल में जमकर तैरे,
बचपन की है बात ।
हरियाली मन को हर्षाती,
आते हैं नव पात ।
मानसून की हवा निराली,
चलती है चहुँ ओर ।
कड़के बिजली गिरती बूंदें,
खूब मचातीं शोर ।
आओ मिलकर हम सब गाएं,
हरियाली के गान ।
जगह जगह हम पेड़ लगाएं,
यही बचाते जान ।
पानी रोको और बचाओ,
भर लो पोखर ताल ।
फसलें इनसे सिंचित होंगीं,
कृषक रहें खुशहाल ।
सावन के सब पावन दिन हैं,
शिव का कर लो ध्यान ।
शिव सत्य हैं शिव सुंदर हैं,
देते हर वरदान ।
अवधेश सक्सेना
शिवपुरी मध्य प्रदेश
9827329102
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