रविवार, 30 अगस्त 2020

मदद मजलूम की करना खुदा का काम है यारो

 #ग़ज़ल

#अवधेश_की_ ग़ज़ल


मदद मज़लूम की करना ख़ुदा का काम है यारो ।

ख़ुशी बाँटो जहाँ में तुम यही पैग़ाम है यारो ।


मुहब्बत के लिये जीना मुहब्बत के लिये मरना,

ख़ुदा से हो मुहब्बत तो,  तुम्हारा नाम है यारो ।


बिना उम्मीद के मिलती, जहां हर चीज  है हमको,

उसी के दर पे अब होती,  सुबह से शाम है यारो ।


लगाकर अक्ल करने से, सफल सब काम होते हैं,

बिना सोचे करे जो शख़्स, वही   नाकाम है यारो । 


उसे मानो उसे पूजो जहां में एक बस वो है,

मिले उससे यहां सबको, खुशी बेदाम है यारो ।


करो खिदमत अगर तुम भी, किसी लाचार रोगी की,

भुला नेकी किया जो भी, यही निष्काम  है यारो ।


ग़ज़ल जो लिख रहा हूं मैं, नहीं उसका कोई सानी,

फलक अवधेश का है अब, ये चर्चा आम है यारो


अवधेश सक्सेना

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